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जो एक क्षण के लिए दूर रहती नहीं थी

 जो एक क्षण के लिए दूर रहती नहीं थी वह आजकल देखना भी मुझको नहीं चाहती है सोचता हूं मुझसे क्यों खफा हो गई जान बनकर जो रहती थी दिल में मेरे यारों वह मुझसे बेवफा हो गई

सिर्फ आंखों से प्यार करता हूं

सिर्फ आंखों से प्यार करता हूं मुझमें इतनी हिम्मत नहीं कि अपनी चाहतों का इजहार कर पाऊं मेरे सामने ही मुस्कुराकर किसी और से मिलने लगी हैं दिल ही दिल में एठ कर रह जाता हूं आलम ऐसा नहीं है कि बर्दाश्त कर पाऊं

मेरे हालात पर लोग मुस्कुराते हैं

मेरे हालात पर लोग मुस्कुराते हैं उनके इश्क में तड़पता हुआ मुझे देख कर फबती कसते हैं लाचार और मजबूर हूं मैं रोता हूं उसकी वादो को सोच कर

हर घड़ी आपके ख्वाबों खयालों में डूबा रहता हूं

हर घड़ी आपके ख्वाबों ख्यालों में डूबा रहता हूं आपको पाने का जुनून मुझमें ऐसा पैदा हुआ आपसे मिलने मिलने का कोई ना कोई बहाना ढूंढता रहता