सिर्फ आंखों से प्यार करता हूं मुझमें इतनी हिम्मत नहीं कि अपनी चाहतों का इजहार कर पाऊं मेरे सामने ही मुस्कुराकर किसी और से मिलने लगी हैं दिल ही दिल में एठ कर रह जाता हूं आलम ऐसा नहीं है कि बर्दाश्त कर पाऊं
क्या खता हो गई है यह खुद से सवाल करने लगा हूं आखिर क्यों दूर दूर रहने लगी हो पहले मुलाकात की ज़िद किया करती थी आजकल मिलना गवारा समझती नहीं हो तुम्हारी नमकीन बातों की गहराई में उतरना चाहता हूं इधर-उधर घुमाना छोड़ दो बहुत इंतजार किया है मुलाकात करने को अब धैर्य रखना नहीं चाहता हूं HINDI SHAYARI 1. Shayari sangrah 2. हिंदी शायरी 3. हिंदी शायरी 4. हिंदी मजेदार - शायरी संग्रह 5. कविता 6. नई शायरी 7. मजेदार - शायरी संग्रह 8. मनोज कुमार 9. रस भरी शायरी 10. मोहब्बत भरी - शायरी संग्रह 11. विशाल शायरी संग्रह 12. शायरी - मस्ती 13. शायरी का जलवा 14. शायरी का तड़का 15. शायरी डायरी 16. शायरी संग्रह मनोज कुमार गोरखपुर 17. शायरी मनोज कुमार गोरखपुर 18. शायरी मनोरंजन 19. शायरी मनोरंजन 20. शायरी-SHAYARI 21. शायरी-दिल के जज्बात 22. हिंदी नई शायरी ...
जो एक क्षण के लिए दूर रहती नहीं थी वह आजकल देखना भी मुझको नहीं चाहती है सोचता हूं मुझसे क्यों खफा हो गई जान बनकर जो रहती थी दिल में मेरे यारों वह मुझसे बेवफा हो गई